बदला-बदला सा है मेरा गांव
गायब वो रौनक -ऐ-बहार है।
बडे-बडे होते जा रहे है घर यहां
छोटा होता दिलों का आकार है।
गायब है वो घर के आंगन की रौनक
बंद किये हुये उनको कमरों की दीवार है।
ऐसा तो ना था मेरा गांव
बदला हुआ इसका मिजाज है।
बदला बदला सा है मेरा गांव
गायब होते वो संस्कार है।
आते देख मुंह फेर लेना
ऐसे आजकल लोगो के अंदाज है।
ऐसा तो ना था मेरा गांव
बदला हुआ यहां का व्यवहार है।
बदला बदला सा है मेरा गांव
गायब वो रौनक-ऐ-बहार है।।
(2018).